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Wednesday, March 22, 2023

क्या ईश्वर है?

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Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩
पढने में समय: < 1 मिनट

मैं कहता हूं ईश्वर है, वे कहते हैं ईश्वर कुछ नहीं होता है।

मैं कहता हूँ ईश्वर ही हमारे हमारे पूर्वज हैं पिता हैं, वे कहते हैं

मनुष्य ही अपना पिता स्वयं है। मैं कहता यह जगत बनाने

वाला इतनी सुंदर व्यवस्था चलाने वाला वह ईश्वर ही है, वे

कहते हैं यह प्रकृति है जो विज्ञान से अपने कर्म से गति करती

है। मैं कहता हूँ आँख तो खोलिये वे कहते हैं तभी तो बोल रहा हूं।

मैं और मेरी आत्मा रोज झगड़ते हैं लेकिन ईश्वर दोनों ने

नहीं देखे हैं, एक आस की एक पास की बात करते हैं। कौन

सही कितना सही? यात्राएँ अनंत हैं, ज्ञान अभी भी अधूरा

है कुछ होना अभी बाकी है अभी ब्रह्मांड का रहस्य खुलना

बाकी है। अभी हम भी बाकी हैं अभी वे भी बाकी हैं अभी तो

दुनिया का पूरा खेल ही बाकी है।

जल बिच मीन पियासी कि जल ही अभी पियासा है?

कबीर कहते हैं ‘आई मौज फकीर की दिया झोपड़ा

फूंक॥’ जब अपना जल गया तो कह रहे हैं ‘कबीरा

खड़ा बाजार में लिया लुकाठी हाथ, जो घर बारे आपने

वो चले हमारे साथ।’ तुलसी बाबा कहते है ‘तुलसी

भरोसे राम के निर्भय होके सोय, अनहोनी होनी नहीं

होनी हो सो होय॥’ अभी मलूकदास बाकी हैं कह रहे

है ‘माला जपय न कर जपय जिह्वा जपय न राम मेरा

सुमिरन हरि करें मैं बाबा विश्राम॥

अभी भी मैं और मेरी आत्मा बातें कर रहें है।

अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख, लेखक/लेखिका के निजी विचार हैं, यह आवश्यक नहीं कि संभाषण टीम इससे सहमत हो। उपयोग की गई चित्र/चित्रों की जिम्मेदारी भी लेखक/लेखिका स्वयं वहन करते/करती हैं।
Disclaimer: The opinions expressed in this article are the author’s own and do not reflect the views of the संभाषण Team. The author also bears the responsibility for the image/images used.

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Dhananjay Gangey
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Usha
Usha
3 years ago

Very nice 👌👌

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