स्वारथ लागय करै सब प्रीति

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Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩

स्वार्थ है तो ठीक है नहीं तो किसी को किसी से कोई मतलब नही रहता है स्वार्थ है तो ये प्रेम समझ मे आता है नही तो झूठ लगता है। कबीरा इस संसार मे भांति भांति के लोग। जो घर बारे आपने वो चले हमारे साथ।

चाहे कोई कितना चिल्लाये जो लाभ अपने को नहीं देता वो आवाज भी मानव नही सुन सकता। अरे दुनियां तेरी चाल अजब देने पर कोई लेता नहीं और मंदिरों में मंगतो की कतार लगी है। “जात कुजात भये मांगता”। समय को समझने का प्रयास सब करते है परन्तु वो कभी समझ नहीं आता। ईश्वर भी जानता है किसी को ऐसे दे दिया तो उसका महत्व उसके लिए कभी नही हो सकता है।
कोई कई पुत्रो को नही समझता कोई एक के लिए कुछ करने को तैयार । ये दुनिया जैसी दिखती है समझ क्यों नही आती है?

अच्छे कर्म वाले दुःखी बुरे वाले सुखी नजर आते है। कहते है परीक्षायें सज्जन देते है दुर्जन नकल कर अक्ल वाले को बुद्धू बना देता है।

विश्व जब से चला है सत्य, अहिंसा, प्रेम, शांति की बात खूब हुई आई क्यों नहीं? कारण वही व्यक्ति से समाज बने और व्यक्ति स्वयं के लिए किसी का चीरहरण करने को तैयार है।

अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख, लेखक/लेखिका के निजी विचार हैं, यह आवश्यक नहीं कि संभाषण टीम इससे सहमत हो। उपयोग की गई चित्र/चित्रों की जिम्मेदारी भी लेखक/लेखिका स्वयं वहन करते/करती हैं।
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Usha
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5 years ago

Badi hi sundar sanrachna

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