बकरी प्रश्न

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Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩

पुलिस बनी चोर नेता हुआ घुसखोर, अधिकारी हुये भ्रष्टाचारी, देश हुआ कमजोर, जनता बनी निरीह बकरी पात की। ईद बकरीद शादी विवाह तुम करो जिबह करो हमारी, मानवता हारी। बकरी ने हरि को पुकारा क्यों मेरी यह गति है न्यारी। जब मैंने पात खाया तो मुझ पर छुरा चलवाया जो हमें खा रहे है उनकी कौन गति होगी यारी। मैंने माफ किया अपना खून क्या तुम्हारी भी कोई न्याय की किताब है जहाँपनाह? यदि है तो देख के बताओं दुनिया में क्यों इतना तांडव है भारी।

हमारी नैतिकता को कब छछुंदर ले गया कोई क्यों नहीं रोक पाता। अभी तो कहते है समय बचा है जब बड़ी मछली अपने से छोटी को खाती जायेगी आखिर में बचेगी सबसे बड़ी मछली जो ज्यादा खाने से पेट फट जायेगा और दुनिया ख़तम हो जायेगी।

मानव ईश्वर रूपी पिता का वह पुत्र है जो नित्य अपने कारनामें से उसे शर्मिंदा करता है। वह सोचता है कि अब मेरा पुत्र ठीक हो जायेगा मानव बन जायेगा किन्तु संतति मानव की है फिर भगवान पर कालिख लगती है।

ईश्वर सोचता है क्या करूँ कैसे करूँ वह बुद्धि भी देता है लेकिन मनुष्य बाज नहीं आता है वह वही करता है जो करना चाहता है। वह सोच में पड़ गया है क्यों बनाया क्यों लाया इसे यह तो वही ठीक था। सारे प्राणियों में ये मानव बहुत दिग दिग करता है।

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Usha
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4 years ago

bada hi achh masej 👍👌👌

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