बेटियाँ

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Varun Upadhyay
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अंतरात्मा की अंतर्दृष्टि

शर्मा जी बरामदे में बैठे पेपर पढ़ रहे थे। पत्नी रसोई में बिजी थीं, वही उनकी 10 साल की बेटी चेतना अपनी गुड़िया को सजा रही थी।

अचानक शर्मा जी की नजर चेतना और गुड़िया पर पड़ी तो वो अपनी बेटी से बोले – अरे वाह तेरी गुड़िया तो बिल्कुल दुल्हन लग रही है, अब इसके लिए दूल्हा ढूँढ कर इसकी शादी करवानी पड़ेगी।

चेतना:  पापा आप मेरी गुड़िया के लिए अच्छा दूल्हा ढूंढ दोगे…?

शर्मा जी:  हां.. हां.. मैं तेरी गुड़िया के लिए श्री राम जैसा दूल्हा ढूंढ दूंगा।

चेतना:  नहीं पापा श्रीराम जैसा नहीं जो अपनी ही पत्नी की अग्नि परीक्षा ले ओर फिर भी अपने राज्य की प्रजा के कहने पर उसे जंगल मे भटकने को छोड़ दे, मैं ऐसे लड़के से अपनी गुड़िया की शादी नहीं करूंगी।

शर्मा जी:  तो श्रीकृष्ण जैसा दूल्हा?

चेतना:  नहीं पापा जो प्यार राधा से करे और शादी रुक्मणी से और रासलीला गोपियों से रचाए, नहीं.. मैं ऐसे लड़के से अपनी गुड़िया……

शर्मा जी: तो युधिष्ठिर जैसा धर्म राज व्यक्ति?

चेतना:  नहीं पापा युधिष्ठिर जैसा तो बिल्कुल नहीं जो जुए में अपनी पत्नी को दांव पर लगा दे और भरी सभा में उसका अपमान होते देखे, नहीं मैं ऐसे लड़के से अपनी गुड़िया की शादी नहीं करूंगी, कभी नहीं।

शर्मा जी:  हूं… हूं… तो तुम ही कुछ बताओ ना बेटा।

चेतना:  पापा, मैं पहले अपनी गुड़िया को पढ़ा लिखाकर एक अच्छा इंसान बनाउंगी और उसे इतना काबिल बनाऊंगी की लड़के वाले हमारे घर अपने लड़के के रिश्ते लेकर खुद भागते आएंगे।

शर्मा जी ये बात सुनकर मुस्करा दिए और सोचनें लगे कितनी समझदारी वाली बात कही मेरी बेटी ने। काश ये बात दुनियां के हर मां बाप भी समझ जाएं कि बेटी को पढ़ा लिखा कर इतना “काबिल” बना दो कि लड़के वाले खुद लड़कियों के रिश्ते, उनके लिए लेकर आएं। फिर ना तो किसी बाप को बेटी बोझ लगेगी ओर ना ही कोई दहेज का झंझट। सब कुछ दुनियाँ मे कितना अच्छा होगा। लोग बेटों की तरह बेटियों को भी बड़े लाड – प्यार से पाल पोसकर बड़ा करेंगे।

यह सचमुच मुमकिन है, बस हमें बेटों ओर बेटियों के बीच का फर्क हटाना है और बेटियों को शिक्षित बनाना है।

अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख, लेखक/लेखिका के निजी विचार हैं, यह आवश्यक नहीं कि संभाषण टीम इससे सहमत हो। उपयोग की गई चित्र/चित्रों की जिम्मेदारी भी लेखक/लेखिका स्वयं वहन करते/करती हैं।
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Viresh Kumar
Viresh Kumar
4 years ago

Waah, bahut acchi baat hai.

ajay
ajay
4 years ago

very nice

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