कुछ अफसाना कुछ तराना सा, कुछ नया कुछ पुराना सा।
कुछ अल्हड़ कुछ दीवाना सा, कुछ आज कुछ कल सा।
कुछ भक्ति कुछ मुक्ति सा, कुछ फरमाना कुछ जमाना सा।
कुछ याराना, कुछ दोस्ताना सा, कुछ धर्म कुछ अधर्म सा।
कुछ जीवन कुछ मौत सा।।
ये ब्रह्मांड,
ये सूर्य,
ये चांद,
ये आकाश,
ये हवा,
ये आग,
ये धरती,
ये आकांक्षा
और महत्वाकांक्षा, जीवन जीने और पाने की
अभिलाषा, सब धरा रह जायेगा जब बांध लें चलेगा बंजारा,
बस आह रह जायेगी।।
कशिश जीने की अपनो से छूटने की, कोई है, कोई होगा
फिर भी वहीं जाना होगा.. फिर भी वही जाना होगा।।
Very very nice post👌
सादर धन्यवाद जी
👌👌adbhut
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Bahut achha likhe h👌👌
शुभ: आशी🙏🙏