इस विद्यालय में एक अनोखी सुबह हुयी।
नन्हे – नन्हे शिशुओं के मन में,
एक अनोखी उमंग जगी।
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नन्हे – नन्हे हाथों में उनके,
पुस्तकें और कलम सजीं।
बड़ों – बड़ों ने भी अपने मन में,
एक अनोखा संकल्प लिया।
उन भोले शिशुओं ने भी एक नया संकल्प लिया।
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हमको कुछ कर दिखाना है,
हमको आगे ही बढ़ते जाना है,
देश के भावी नागरिक हम,
हमको सद्मार्ग पर चलते जाना है।
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Heart touching thought.
सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर कविता।
बहुत ही अच्छी
उमंग और प्रोत्साहित करने वाली