वास्तविकता

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Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩

मैं धर्म को नहीं मानता हूं, सारे कर्मकांड पाखंड हैं, भाग्य मूर्ख मानते हैं। सब विज्ञान संचालित है, राम और कृष्ण काल्पनिक पात्र हैं। रामायण महाभारत गल्प है। ब्राह्मण अंधविश्वास फैलाते हैं, सब कोरे आदर्श हैं। कुंडली भ्रम फैलती है। राम और कृष्ण में फला फला कमियां थी आदि आदि।

हम लोग अपसंस्कृति और कम्युनिज्म के प्रभाव में ऐसा बोलते हैं। हमें स्वयं पर गर्व कम दूसरे के कहे का विश्वास अधिक है जब बीमार, मरने लगते हैं या मृत्यु आकर खड़ी हो जाती है तब तो सभी का ईश्वर, गुरु और ब्राह्मण में श्रद्धा उमड़ पड़ती है। आँखे खोलिये श्रीमान श्रीमती, भारत और उसकी संस्कृति महान है, उसमें निर्बल, दुर्बल, पौरुषहीन आप स्वयं पैदा हो गये हैं।

गुरु, ग्रंथ और गोविंद की शरण और क्षमतानुसार श्रम करिये सब अच्छा हो जायेगा। धर्म की आलोचना करिये किन्तु शास्त्रों के अध्ययन के बाद क्योंकि विज्ञान, व्यथित और वर्चुअल मनुष्य बना रही है जो भौतिक सुखों की तलाश में पूरा जीवन व्यर्थ कर दे रहा है। आप जागिये, उठिए, चलिये, हँसिये और दौड़िये।

मानवता, प्रेम, सौहार्द का संग करिये। जीवन का वह तिलिस्म खुलेगा, जिसे आप खोलना चाहते हैं।

अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख, लेखक/लेखिका के निजी विचार हैं, यह आवश्यक नहीं कि संभाषण टीम इससे सहमत हो। उपयोग की गई चित्र/चित्रों की जिम्मेदारी भी लेखक/लेखिका स्वयं वहन करते/करती हैं।
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