एक कस्बे में एक आदमी रहता था वह फूलों का व्यवसाय करता था। रोज सुबह वह शहर जाकर फूल लाता था और उसे मंदिर के पास बेचा करता था, इसी तरीके से उसका जीवन यापन हो रहा था।
स्वाभाव से वह आलसी था जिसके कारण वह सुबह जल्दी नहीं उठ पाता था, जिससे शहर पहुंचने में विलंब हो जाता था। उससे उसे ताजे फूलों के बजाय मुरझाए हुए फूल ही मिलते थे। मुरझाए हुए फूलों को कम ही लोग खरीदते थे जिसके कारण उसका व्यवसाय अच्छे से नहीं चल पा रहा था। इससे उसकी माली स्थिति ठीक नहीं थी।
एक दिन की बात है, वह शहर की ओर जा रहा था, रास्ते में उसे एक सुंदर फूलों का पौधा मिलता है। जिसे देखकर वह उस पौधे को अपने साथ अपने घर ले आता है और उसे अपने आंगन में लगा देता है। वह पौधा बहुत अच्छे किस्म का था जिस कारण वह तुरंत वृद्धि करने लगता है और उसमें सुंदर – सुंदर फूल खिलने लगते हैं। उस पौधे को और उसके फूलों की खूबसूरती को देखकर आसपास के सभी लोग चकित हो जाते हैं। उस पौधे की और उसके फूलों की तारीफ सभी करने लगते हैं। धीरे – धीरे उस पौधे और उसके फूलों की सुन्दरता की ख्याति पूरे कस्बे में फैल जाती है और सभी उस पौधे की खूबसूरती की तारीफ करने लगते हैं।
उस पौधे और फूलों की तारीफ सुन – सुन कर कर वह आदमी उस पौधे से मन ही मन ईर्ष्या करने लगता है। उसे लगता है कि “यह पौधा तो मैंने लगाया है फिर लोग क्यों उस पौधे की तारीफ करते हैं मेरी तारीफ क्यों नहीं करते”, और इसी सोच के कारण उसकी ईर्ष्या धीरे – धीरे इतनी बढ़ जाती है कि वह एक दिन उस पौधे को उखाड़ कर कर दूर कहीं फेक आता है।
जब इस घटना की जानकारी उसके पड़ोस में रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति को मिलती है तो वह बुजुर्ग उस व्यक्ति के पास जाकर उसे कहता है कि “तुम बहुत मूर्ख हो तुम उन सुंदर फूलों से अपने घर के साथ – साथ अपनी आजीविका को भी अच्छा कर सकते थे पर तुम्हारे ईर्ष्या ने तुम्हारी मति मार दी और एक सुनहरा अवसर तुमने गँवा दिया।”
***
सीमित शब्दों में सुंदर चित्रण.. स्वार्थी व्यक्ति ईर्ष्या से इतना ग्रस्त होता है की उसे खुद का भविष्य तक नही दिखता।
कहानी से सिख यही मिलती है की परोपकारी बनें, जीवन में संतुष्टि और उन्नति रहेगी।
Behtarin Bhaia…
Nice story Dhirendra
अति सुंदर 👍👍
बहुत सुंदर,इस कहानी से ये स्पष्ट है ,की भगवान हर किसी को जीवन में अवसर प्रदान करते हैं किन्तु हमारे अंदर कि अकर्मण्यता आलस्य ईर्ष्या जैसे विष हमें उन अवसरों के लाभ से वंचित रखते हैं।
Didactic story.👌👌
Bahot badiya sir
Bahot achhi kahani hai🙂
Bahot Badhiya, waiting for next one..
Very nice….