एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड19 (कोरोना महामारी) के कारण भारत को तकरीबन 9 लाख करोड़ का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। जिसका असर आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था में दिख सकता है। पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की मार झेल रही है और अब इस अतिरिक्त नुकसान के कारण आने वाले समय मे गंम्भीर आर्थिक नुकसान देखने को मिल सकते हैं। महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को दूरगामी दुष्परिणाम देखने को मिल सकता है और भारतीय ही नहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के नए दौर में प्रवेश कर सकती है जिससे बाजारों में आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जिससे चीजें महंगी हो जाएंगी और रोजमर्रा की जरूरी चीजें भी एक आम आदमी के पहुँच से बहुत दूर हो सकती हैं।
एक महामारी के तौर पर कोरोना का प्रभाव खत्म होने के बाद भी अर्थव्यवस्था पर पड़े इसके असर के कारण एक आम आदमी इसके प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाएगा लेकिन तब तक वह कोरोना को भूल चुका होगा, और महंगाई और मंदी का दोषारोपण केंद्र सरकार की नीतियों को ठहराया जायेगा, जिसमे विपक्ष की भूमिका भी आग में घी डालने का कार्य करेगी। विपक्ष को तो बैठे बिठाये ही एक मौका मिल जायेगा जिसमें वह केन्द्र सरकार को नकारा और भ्रष्ट साबित करने में कोई कसर नही छोड़ेगी और आज का आम आदमी जो थाली बजा – बजा कर आज केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना से लड़ता दिखाई दे रहा है वही उन दिनों केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देगा और आज के इन सारी बातों को भूल चुका होगा कि कैसे केंद्र सरकार इस विकट परिस्थिति में कोरोना से लड़ रही है, कैसे इतनी राहत पैकेज दे रही है, कैसे विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस अपने देश ला रही है। यह वही जनता है जो सिर्फ एक प्याज के लिए अटल बिहारी बाजपेयी सरकार को सत्ता से बाहर कर चुकी है।
कहानी: ईर्ष्या
अतः आने वाले समय में मंदी और महंगाई का दोषारोपण केंद्र सरकार की नीतियों पर करते समय यह जरूर विचार करियेगा कि कैसे केंद्र सरकार ने अपने कुशल प्रबंधन के द्वारा इस महामारी से लड़ाई लड़ी है, जिसकी तारीफ डब्ल्यूएचओ ने भी की है। कैसे संसाधन संपन्न विकसित राष्ट्र भी जहाँ इस वैश्विक महामारी के सामने अपने घुटने टेक दे रहे हैं वहीं सीमित संसाधन वाला यह राष्ट्र अपने कुशल प्रबंधन और कुशल नेतृत्व के दम पर विश्व के लिए आशा का किरण बना हुआ है। उस समय विपक्ष के व्यूह में फंस कर आक्षेप लगाने से पूर्व यह जरूर सोचियेगा कि इस वैश्विक महामारी से निजात पाने की कीमत कुछ ना कुछ तो चुकानी ही पड़ेगी। यह मंदी और महंगाई भी उसी महामारी से जीवित बचने की कीमत है और जिस तरह आज आप केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं उसी तरह आने वाले समय में भी केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मंदी और महंगाई से भी लड़ने का समय रहेगा और अगर आप उस समय भी अपनी सरकार और नेतृत्व के साथ खड़े रहे तो हम जैसे आज इस वैश्विक महामारी से लड़कर जीतेंगे वैसे ही आने वाले समय में मंदी और महंगाई से भी जीतेंगे और भारत को विश्व में अग्रणी राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देंगे।
नोट: प्रस्तुत लेख, लेखक के निजी विचार हैं, यह आवश्यक नहीं कि संभाषण टीम इससे सहमत हो।
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आपके पोस्ट को जिसने दिल से पढ़ा होगा,उसे सत्यता प्रतीत होगी,कहावत है,सॉच को अॉच नहीं !
उत्कृष्ट दूरदृष्टा
Bilkul shi
Bilkul Shi…
Dherendra u r not only a v. Good doctor but also a nice citizen of this country . Good luck keep it up .have great n bright future . Jai bharat
Right sir
Right Bhaia… is bat ka dhyan rkhna jaruri h….
Bhi Modi hi thoda late hai…..
Baki aagaye kya hoga ye 5th April tak pata chalegaa….9 ki 11….
Exactly it’s time to think about this at home
Sahi hai
Perfect Precognition.
We really need chain cycle here to broadcast/Educate people now to save our nation by the leer of opposition.
I would like to do my part by making this post “Viral” so that every one gets preventive measures before getting affected. Jai Hind🙏
Sahi bat,aisa bilkul sambhav hai
Very rightly said. People must show faith in Govt and keep patience. Collective effort is needed to get out of this slowdown once we get rid of this korona..