वे मनुष्य थे, करते रहे सालों से पृथ्वी पर राज,
सोचते थे सिर्फ अपने बारे में l
सबसे उन्नत जीव है मनुष्य आज,
किया उन्होंने अपने फायदे के लिए पृथ्वी को बर्बाद ll
हां, जानता हूं, वही है परमात्मा भगवान,
मनुष्य जाति सोचते थे स्वयं को ईश्वर सा बलवान l
जब आई है महामारी, समझ गए वे लोग,
दुष्ट मानव कर्म हेतु मनाया मासूम लोगों ने अपनों के मरने का शोक ll
चाहे तूफानी लहरें हो,
या बुराई के पहरे हों l
जानो उन चिकित्सक रूपी मांझी को,
जिन्होंने संघर्ष करते त्यागा अपने परिवार और जीवन को ll
भगवान, गलती हो गई उन दुष्ट मनुष्यों से,
भुगत रहे हैं मासूम बच्चे, जवान, बुजुर्ग बड़ी सख्ती से l
कोरोना खत्म हो जाए सब की आशा है,
वह लोग दुष्टता नहीं करेंगे ये हमारा वादा है ll
बहुत सुन्दर यथार्थ रोचक चित्रण !! लेख नित्यवृद्धि को प्राप्त हो।