इस वर्ष माँ जानकी नवमी का पर्व 2 मई 2020, शनिवार के दिन मनाया जायेगा।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को जानकी नवमी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन सीता का प्राकट्य हुआ था। इस पर्व को “जानकी नवमी” भी कहते हैं।
शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुष्य नक्षत्र में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ। जोती हुई भूमि को तथा हल की नोक को भी ‘सीता’ कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम ‘सीता’ रखा गया।
इस दिन वैष्णव संप्रदाय के भक्त माता सीता के निमित्त व्रत रखते हैं और पूजन करते हैं। मान्यता है कि जो भी इस दिन व्रत रखता व श्रीराम सहित सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे पृथ्वी दान का फल, सोलह महान् दानों का फल तथा सभी तीर्थों के दर्शन का फल अपने आप मिल जाता है। अत: इस दिन व्रत करने का विशेष महत्त्व है।
श्री राम हर्षण शांति कुञ्ज संस्था के माध्यम से यह पर्व 2 मई 2020, शनिवार को शिव शक्ति मंदिर प्रांगण (ब्लाक – सी 8 यमुना विहार, दिल्ली) में दोपहर 12 बजे मनाया जाएगा।
नोट :- लॉकडाउन के कारण मंदिर प्रांगण में आम भक्तों के लिए दर्शन अभी बंद रहेगा, अतः भक्तगण अपने घर से ही यह पर्व मनाएं।
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