शिव का नाम लेकर भांग/गांजा पीते हो तो शिव का नाम लेकर जहर भी पियो।
बड़े आश्चर्य की बात है कि शिव जी भांग पीते हैं ये भ्रांति पैदा हो कहाँ से गयी? हिंदुओं में ये एक भयंकर बीमारी है कि धर्म अथवा ईश्वर के बारे में किसी के मुंह से एक बात निकल जाये तो वो फैलती जाती है और कालांतर में वही वाक्य ब्रह्मवाक्य हो जाता है।
शिवपुराण भगवान शिव का मुख्य ग्रंथ है, उसमे कही नहीं लिखा कि शिव जी नशा करते थे, झूमते थे, कोई उनके लिए भांग घोटता था आदि आदि। अज्ञानतावश हिंदुओं ने शिव जी की भांग के ऊपर हजारों अभद्र से भजन बना रखे हैं।
शिव जी की भांग के ऊपर उनके विडियों में शिव जी को भांग पीकर झूमता हुआ नाचता हुआ दिखाया जाता है और शिवभक्त इसे देखकर बड़े प्रसन्न होते हैं। अरे ये घोर अपमान है भगवान शिव का….
वो निरंतर समाधिष्ठ या यू कहें ध्यानमग्न रहते हैं। उन्हे किसी नशे की आवश्यकता क्यों होने लगी?
जिन भगवान शंकर के ऊपर कामदेव अपनी वासना का जाल नहीं फेंक पाये, वासना उन्हे एक क्षण को भी प्रभावित नहीं कर सकी, उन भगवान शिव पर क्या भांग का नशा असर छोड़ देगा? कितनी हास्यास्पद बात है ये। अगर पीनी है तो पियो, कौन मना कर रहा है। पर भगवान को तो बीच में मत लाओ।
उन्हे तो बदनाम मत करो। भांग, गांजा, चिलम यह सब शिव जी नहीं पीते।
भगवान का नाम लेकर ही पीनी है तो फिर उन्होंने तो जहर भी पिया है…. शिव का नाम लेकर भांग पीते हो तो शिव का नाम लेकर जहर भी पीयो..!