जिनके ह्रदय दया करुणा से भरे रहते हैं,
जिनके भाव विशुद्ध सेवा भाव से परिपूर्ण रहते हैं,
जो रोगी की सेवा में लीन कर्तव्यनिष्ठ सजग प्रहरी समान हों,
उन कर्म वीरों को मेरा शत शत नमन अभिनन्दन है।
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दया ममता की प्रतिमूर्ति हैं वे, मानवता की प्रतिमूर्ति हैं वे,
घर परिवार संतान सुख सब कुछ समर्पित कर जाते हैं।
तन मन धन सबकुछ अपने कर्मों पर अर्पण कर जाते हैं।
अपने सारे सुख वैभव को रोगी की सेवा में तलाशते रहते हैं,
उनको जीवन देते देते कभी खुद उन पर बलिदान हो जाते हैं।
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पर हाय क्या जन मानस उनके दर्द को समझते हैं?
नहीं, वे उनका स्वागत ईट पत्थरों से करते हैं।
तब भी कर्म वीर उनकी सेवा पूर्ण निष्ठा से ही करते हैं।
उनकी पूजा उनकी श्रद्धा उनके समर्पण को हम शत-शत नमन करते हैं।
उनका अभिनन्दन हम दीप जला कर करते हैं।।
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कोरोना योद्धाओं के विषय आपने बहुत अच्छा लिखा।
कोरोना योद्धाओं को हमारा नमन्🙏🏻
जय माँ भारती
अति सुंदर।
बहुत ही भावपूर्ण कविता मन को छूने वाले शब्द
🙏🙏
हृदय स्पर्शी बहुत सुंदर।