ऐ मां! तुझ सा
इस धरती पर,
जिन्दा भगवान नहीं देखा।
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वात्सल्य, करूणा
अनुराग से उत्पल्वित
मैं तुझ सा
जलधाम नहीं देखा,
ऐ मां! तुझ सा
इस धरती पर
जिन्दा भगवान नहीं देखा।
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इस फरेब की दुनियां में
मतलबी पसमंजर ही देखा,
पर तुझ सा
स्नेह का सुख – सदन
ममता की मंजूषा,
शांति का
शिविर नहीं देखा,
ऐ मां! तुझ सा
इस धरती पर
जिन्दा भगवान नहीं देखा।
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चोट लगे मुझको
और दर्द तुम्हें हो,
भूख लगे मुझको
और तड़प तुम्हें हो,
तेरी चरणों में
धरती आसमां को मिलते देखा,
ऐ मां! तुझ सा
इस धरती पर
जिन्दा भगवान नहीं देखा।
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मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएँ!
Dedicated to all mothers of the world including my mother!