हुंकार सुन
फुंफकार सुन
उसके गाण्डीव की
टंकार सुन
***
ध्वस्त किया जिसने
हर जातीय व्यवस्था को
विरोधियों के लिए
उसकी हर ललकार सुन
***
हर कौम का
आशीर्वाद जिसपर
हर कौम को
जिसने मान दी
***
है उत्ताप जिसके
हर चाल में
हर वार ही
ब्रह्मास्त्र है
लिख दी जिसने
जीत की
इबारत उसी से
इबारत की
तू दास्तान सुन
***
विश्व की
मानस पटल पर
अमिट छाप है
जिसने छोड़ दी
देदीप्यमान इस
नक्षत्र का
चहूँ ओर
हो रहा गुनगान सुन
***
काल के उलट
चाल में भी
जो जीत निश्चित कर सके
गौरव पताका हो
जिसके नाम से
उसके नाम का
बखान सुन
***
अब वोट कभी
जब हो सके
भय खाओ तुम
उस शख्स से
***
मोदी है
जिसका नाम
उसके नाम के
प्रकोप से
धमनियों में
हो रहे रक्तचाप की
आवाज सुन
***
हुंकार सुन
फुंफकार सुन
उसके गाण्डीव की
टंकार सुन
***
– सत्येन्द्र तिवारी
मोदी जी के लिए लिखी यह कविता उनके व्यक्तित्व को दर्शाती है। आपके शब्दों का चयन बेहतरीन है।
धन्यवाद 🌷🌷
जी बहुत बहुत आभार आपका इतना हौसला देने के लिए 😄🌹