जब आत्मविश्वास से, साहस से कोई लबरेज हो, करने को कुछ ठाने तो मुश्किल कितनी ही बड़ी हो, वह हल हो जाती है। ऐसी ही एक कहानी टिटहरी की है जिसने समुद्र को पराजित कर दिया।
समुद्र के किनारे एक टिटहरी रहती थी, वह जब भी सोती थी तो टांगे ऊपर करके, एक दिन समुद्र ने पूछा तुम टांगे ऊपर करके क्यों सोती हो? उसने कहा यदि आकाश गिरेगा तो मेरे अंडे यानि बच्चे मर जायेंगे इस लिये जब गिरेगा तो अपने पैर पर रोक लूँगी।
साहस देखिये एक चिड़िया का। समुद्र भी हंसने लगा। एक रोज जब चिड़िया अपने भोजन के लिए निकली तो समुद्र ने उसके अंडे चुरा लिए। वापस आने पर जब उसे अपने अंडे नहीं दिखे तब उसने समुद्र से बार बार पूछा लेकिन उसने जबाब नहीं दिया।
तब टिटहरी बात को समझ गई कि इसी समुद्र ने मेरे अंडे की चोरी की है। उसने कहा ये ऐसे नहीं मानेगा इसे मैं सुखा दूँगी। फिर क्या था वह मिट्टी ला-ला के डालना शुरू की, कुछ मित्रों ने मदद भी जरूर की, समझाया भी लेकिन टिटहरी डटी रही, बोली प्राण जाते हैं तो जाय मैं बिना इसे सुखाये भोजन नहीं करूंगी। विशाल समुद्र के सामने एक चिड़िया का साहस जो समुद्र की विशालता को बौना करने को ठानी थी मौत आये तो आये।
यह बात पक्षियों के राजा गरुण को पता चली तो उन्होंने टिटहरी के पक्ष में आ कर समुद्र को समझाया कि यदि आप उसके अंडे नहीं दोगे तो मुझे अपने प्रभु श्रीराम को बुलाना पड़ेगा। त्रेता में तुम बच गये थे लेकिन इस बार बिना सूखे नहीं बच पाओगे। समुद्र डर गया और टिटहरी के अंडे वापस करके उससे माफी मांग ली।
समझने कि बात है कि एक चिड़िया भी यदि ठान ले तो कुछ भी कर सकती है, आप तो मनुष्य हैं जिसमें अनंत सामर्थ्य है। बस लक्ष्य निर्धारित करिये उसे पूरा करने के लिए डट जाइये। तभी ईश्वर भी किसी न किसी रूप में आप की मदद अवश्य करेगा।
Moral story
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बहुत सुंदर और उत्साहवर्द्धक….💐
धन्यवाद❗
bahut hi sunder, bahut badhiya👌👌👌👌
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Good masej for life
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