दिव्य यात्रा

spot_img

About Author

Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩

फरवरी 2017 में मिथिला चित्रकला कोहबर, राम-सीता विवाह के चित्र और कृष्ण राधा के चित्र जो प्राकृतिक तरीके और देसी चटकारे को देखने के साथ जनकपुरी, जगत जननी मां सीता की धरती देखने का लाभ मिला। नेपाल बार्डर पार करते ही मन में उत्सुकता जरूर आई लेकिन जब
गाड़ी वाले ने कहा कि जनकपुरी आ गया वैसे ही पूरी रामायण मन मंदिर में ताजा हो गई।

राम, लक्ष्मण, जानकी को देखने का, राम की बारात देखने का, जनक के विद्वानों की सभा देखने का लाभ मिला। यही वह भूमि थी जिसने भारत के नारी का चरित्र गढ़ दिया। मां सीता जैसा चरित्र हम लोग मां, बहन, पत्नी में देखने लगे।

श्रीराम के मंदिर में गया तो पंडित ने बताया कि राम का विवाह यही हुआ था राम यही रुके थे मन ने कहा –  हे धनंजय! बन जाओ बाराती देख लो राम की बारात और विवाह और विवाह की वो रस्में जो आज भी जीवित है । यहाँ देख के यह भी लगा एक जनकपुरी और दूसरी अयोध्या जिसकी
परिक्रमा लगाती भारतीय संस्कृति और लोगों के मन पर राम का अमिट अंकन जो आज भी ह्रदय को प्रसन्न कर देता है।
बहुत जल्द ही आगे की यात्रा पशुपतिनाथ काठमांडू को निकल पड़े।

जनकपुरी भगवान पशुपतिनाथ की यात्रा के रास्ते में पहाड़ ही पहाड़ है, प्रकृति की अनुपम छटा झरने और जंगल का संगीत पेड़ो की गूंज के बीच जल्दी पशुपतिनाथ के दर्शन की उत्कण्ठा फिर भी मैने रास्ते भर ही सही उस प्रकृति से प्रेम कर लिया अपने को चिड़िया मान कुछ दूर ही सही उड़ जाता फिर जल्दी ही गाड़ी में आ जाता कितना कुछ प्रकृति में हमें नहीं दिया है हमें अपना ही बनाया घर और धन ही दिखता है बहुत जल्दी ही निराश जीवन बीमार होके मृत्यु की राह जोहने लगता है।

खैर, आनंदित प्रफुल्लित मन प्रकृति को अपने आगोश में भरना चाहता है काश हो पाता।
जनक पूरी से आठ घंटे की यात्रा के बाद पहुँच गये महादेव के पास। जल्दी ही मंदिर दर्शन को पहुँच गये। प्राचीन मंदिर जो पीढ़ियों की कहानी कहता है। मोक्षद्वार मंदिर के पीछे है जहाँ अंत्येष्टि की जाती है। कल्किनाथ का भी मंदिर जो अभी जांघ तक निकले हैं, लोगों का कहना है जिस दिन ये पूरा निकल आएंगे उसी दिन कल्कि भगवान का जन्म हो जायेगा।

आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित एक पीठ है, मन्दिर में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित आरती सुन कर सनातनी होने का गर्व हिमालय से प्रतिस्पर्धा लेने लगा, सिर्फ तुम ही नहीं खड़े हो मैं भी
मानव सभ्यता के साथ ही खड़ा हूँ और निरंतर गति भी कर रहा हूँ।

तुलसी और शंकर का मिलन देख यहाँ मैं तो मानस का तापस बन गया जब भरत को भारद्वाज के आश्रम से जाते आया था। मंदिर के पीछे छोटी पहाड़ी पर ही गोरखनाथ बाबा को ज्ञान प्राप्त
हुआ था यहां मंदिरों की श्रृंखला है।

माता गुहेश्वरी का मन्दिर यही बगल में है यहाँ पूरे रास्ते बंदरों की भरमार है जो आप को तरह तरह के खेल दिखाते हैं शायद इस आस में कि आप उन्हें कुछ खिलाएंगे।
गुहेश्वरी माता के मंदिर में एक विवाह समपन्न हो रहा था। मैं घर वालो से कहा कि मैं प्रयाग का ब्राह्मण हूं आप के विवाह में शामिल होना चाहता हूँ, स्वीकृति मिल गई। बहुत साधारण तरीके का विवाह कुल मिला कर 35 लोग दहेज के नाम पर एक सूटकेस, उसमें कपडे और स्त्री धन थे और खाने का आयोजन चाहें तो लड़के वाले भी कर सकते है। दिन में ही मंदिर में 3 घंटे के अंदर विवाह संपन्न। यह विवाह नेपाली ब्राह्मण का था जो रसूखदार परिवार से था। भारत के विवाह तो अब बहुत भारी भरकम तथा मंत्र छोड़ सब का ध्यान रखते हैं लोग।

यहाँ पंडितजी से पूछने पर पता चला कि 15 किमी दूर विष्णु मंदिर बूड़े नीलकंठ है, मेरे इष्टदेव विष्णु भगवान हैं, वो भी मिल गये, अद्भुत!

मन्दिर जो काले बेसाल्ट पत्थर का बना है शेष शैय्या पर विराजित। पौंड्र में भगवान विष्णु का पीत वस्त्र भा गया यही से फिर इच्छा जगी भगवान बद्रीनाथ के दर्शन की फिर क्या था उनके दर्शन का समय आया केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर मई 17 में चल दिये।

अस्वीकरण: प्रस्तुत लेख, लेखक/लेखिका के निजी विचार हैं, यह आवश्यक नहीं कि संभाषण टीम इससे सहमत हो। उपयोग की गई चित्र/चित्रों की जिम्मेदारी भी लेखक/लेखिका स्वयं वहन करते/करती हैं।
Disclaimer: The opinions expressed in this article are the author’s own and do not reflect the views of the संभाषण Team. The author also bears the responsibility for the image/images used.

About Author

Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩

1 COMMENT

Subscribe
Notify of
guest
1 Comment
Inline Feedbacks
View all comments
Prabhakar Mishra
Prabhakar Mishra
2 years ago

Youtube पर जनकपुरी यात्रा वृत्तांत और दक्षिण भारत यात्रा वृत्तांत नहीं मिला। परन्तु यहां मिल गया। क्या wordpress एक अलग वेबसाईट है संभाषण वेबसाईट अलग है अथवा दोनों एक ही वेबसाईट है?
🙏 भगवान् मनुष्य जन्म सफल करे 🙏

About Author

Dhananjay Gangey
Dhananjay gangey
Journalist, Thinker, Motivational speaker, Writer, Astrologer🚩🚩

कुछ लोकप्रिय लेख

कुछ रोचक लेख