आखिर हिंदुत्व से भय और उन्हीं का भयादोहन क्यों किया जा रहा है? अभी तक का धर्मांतरण संविधान सम्मत ठहराया और बताया गया। साथ ही कहा गया है कि यह व्यक्ति की स्वतंत्रता है, इस पर संविधान की सहमति है।
भारत का बटवारा धर्म के आधार पर किया गया, मुस्लिमों को रहने को तीन देश मिले भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश। वहीं अफगानिस्तान तो पहले ही मुस्लिम के गिरफ्त में जा चुका था। आज मोहन भागवत यदि कह रहे हैं कि मैं अपना लूटा माल वापस ले रहा हूं तो इसमें गलत क्या है? बटवारे का आधार धर्म को बनाया गया, जब इसमें संशय नहीं तो फिर भी भारत में मुस्लिम क्या कर रहा है और कैसे डिमोग्राफ चेंज कर रहा है?
सेकुलर पार्टियां और नैरेटिव-सेटर किस तरह बिलबिला रहे हैं? मुस्लिम भारत भूमि पर धर्मयुद्ध, जिहाद का नारा कैसे दे सकता है? क्या इसी दिन के लिए नेहरू और गांधी ने इन्हें रोक रखा था? एक मुस्लिम चच्चा हैं, उनसे पिछले दिनों बात हो रही थी, उन्होंने कहा कि जितना मैं जानता हूं, उसमें मोदी-योगी की जोड़ी ने जितना काम किया, जनता को फ्री खिलाया और कालोनी बांटी है, किसी सरकार ने नहीं किया।
“न तुम कलाम बन सकते हो न ही मैं नेहरू, तुम्हारें लिए 56 मुल्कों के दरवाजे इस्तकबाल करने को आतुर हैं। तुम जाओ न दारुल हर्ब वाले देश में वहीं से जन्नत का रास्ता भी मिल जायेगा।”
उन चच्चा की बात को आगे बढ़ाते हैं, उनका कहना था यह वितण्डा मुल्ला, मौलाना कर रहा है क्योंकि उसकी अपनी दुकान टूटती नजर आ रही है। एक चीज और, कोई अपने पुराने घर वापस जा रहा है इसमें मुस्लिम और ईसाइयों को क्या समस्या है?
समस्या को उलट-पलट के देखिये, भारत में कितने NGO, कितनी राजनीतिक पार्टियां विदेशों से फंड ले रहीं थीं, भारत में धर्मांतरण कराने के लिए। उन गैर कानूनी और लालची फंड पर मोदी सरकार 31 दिसम्बर 2021 से रोक लगा रही है। अब सोचिए उनको पीड़ा होना तो स्वाभाविक ही है जो इस फंड पर जीवन निर्वाह कर रहे थे। टेरेसा की चैरिटी संस्था पर रोक लग रही है, इससे भी खास लोगों में छटपटाहट दिखाई दे रही है।
मोदी सरकार एक प्रकार से भारत के कीड़ों के बिल में खौलता तेल डाल रही है, जिससे सारे कीड़े बिलबिला रहे हैं और सब की मंशा एक है कि एक होकर मोदी का मुकाबला किया जाय। रोग कितना पुराना हो, मोदी इलाज करने को कमर कसे हैं। भारत में रहकर वेटिकन का घण्टा बजाना हो या दारुल इस्लाम का ख्वाब सजाना हो, इनका समय बीत चुका है। मोदी ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि तुमको जूते यहीं के लोगो से मिलेंगे।